
जिला कलक्टर ने गर्भवती महिलाओं के पंजीयन,सुरक्षित और संस्थागत प्रसव, टीकाकरण आदि की ब्लॉक वार जानकारी ली। गर्भवती महिलाओं का शत प्रतिशत पंजीयन नहीं होना पाकर कलक्टर ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि पंजीयन के अभाव में टीकाकरण, प्रसव, पोषण सहित अन्य सभी गतिविधियां प्रभावित होती हैं। उन्होंने पूरे जिले में एएनएम व आशा सहयोगिनी के माध्यम से सर्वे कराकर शत प्रतिशत पंजीयन सुनिश्चित कराने तथा संबंधित एएनएम व आशा से 100 प्रतिशत पंजीयन का सर्टिफिकेट लेने के निर्देश दिए।
सीएचओ की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित हो
जिला कलक्टर ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में हाल ही नियुक्त किए गए सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी सीएचओ की सभी विभागीय गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में गांवों में लोगों को सीएचओ के बारे में पता ही नहीं हैं, जबकि गांव स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सीएचओ मुख्य घटक बन सकता है। उन्होंने कहा कि नियमित मॉनिटरिंग करते हुए सीएचओ की कार्यस्थल पर उपस्थिति और विभाग की गतिविधियों में भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए, ताकि आमजन को उसका लाभ मिल सके।

मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए समन्वित रूप से करें कार्य
जिला कलक्टर ने आगामी वर्षा ऋतु के मद्देनजर मौसमी बीमारियों की रोकथाम के इंतजामों पर भी चर्चा की । विभागीय अधिकारियों ने मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, स्क्रब टायपस आदि के संबंध में पिछले वर्षों की तुलनात्मक जानकारी दी। साथ ही अवगत कराया कि जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जिसका दूरभाष नंबर 6367304312 है। 1 अप्रैल से 14 मई तक मलेरिया क्रश कार्यक्रम चलाया गया। इसमें एंटी लार्वा गतिविधियां की गई हैं। जिला कलक्टर ने मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए। साथ ही प्रत्येक सीएचसी-पीएचसी स्तर पर फॉगिंग मशीन की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए।
आईईसी प्लान तैयार करने के निर्देश
जिला कलक्टर मेहता ने मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए आमजन को जागरूक करने पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मौसमी बीमारियों से बचाव का सबसे कारगर तरीका जागरूकता है। पूरे जिले के लिए विस्तृत आईईसी प्लान तैयार किया जाए। लोगों को विभिन्न माध्यमों से मौसमी बीमारियों से बचाव के तरीके समझाएं जाएं। साफ-सफाई रखने, घर या आसपास पानी जमा नहीं होने देना, कूलर, बर्तनों, पक्षियों के परिण्डो आदि में समय-समय पर पानी बदलने के बारे में बताया जाए, ताकि डेंगू-मलेरिया के मच्छर नहीं पनपें। उन्होंने ब्लॉक स्तर पर भी लगातार आईईसी गतिविधियों के माध्यम से लोगों को अवेयर करने के लिए भी पाबंद किया।
टीबी मुक्त अभियान की हो सघन मॉनिटरिंग, हर सप्ताह दें रिपोर्ट
बैठक में जिला कलक्टर ने केंद्र व राज्य सरकार की उच्च प्राथमिकताओं में शामिल टीबी मुक्त अभियान की भी समीक्षा की। इसमें कई ब्लॉक में अपेक्षाकृत कम प्रगति पर नाराजगी जताते हुए जिला टीबीअधिकारी को सघन मॉनिटरिंग करते हुए हर सप्ताह रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह एक संवेदनशील मुद्दा है। टीबी पीड़ित और उसका परिवार आर्थिक व सामाजिक तौर पर बहुत परेशानी झेलता है। ऐसे में पूर्ण संवेदनशीलता रखते हुए काम करें। सरकार के अभियान के माध्यम से सेवा का अवसर मिला है तो उसका लाभ उठाएं।
अन्य योजनाओं व गतिविधियों पर भी चर्चा
बैठक में जिला कलक्टर ने विभाग की अन्य योजनाओं सहित परिवार कल्याण कार्यक्रम, असंक्रामक रोग कार्यक्रम आदि सभी विषयों पर भी विस्तृत चर्चा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में सीएमएचओ द्वितीय डॉ सैयद, अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ रागिनी अग्रवाल सहित विभागीय अधिकारी, बीसीएचओ, जिला, उप जिला अस्पतालों व सीएचसी के प्रभारी,एनएचएम सहित विभिन्न परियोजना से जुड़े अधिकारी व प्रभारी उपस्थित रहे।