
प्रत्येक शुक्रवार हो रहा टाईप 1 डाईबीटीज़ क्लिनिक का संचालन* :-
जयपुर से टाइप 1 डाईबिटीज पर 2 दिवसीय ट्रेनिंग लेकर लौटे पीएमओ डॉ राजीव आमेटा, एवं डॉ आकाश सोनी ने बताया कि क्लिनिक में टाईप 1 डाईबीटीज़ से ग्रसित बच्चों व वयस्कों का रजिस्ट्रेशन कर के नियमित जाँच एवं उपचार, स्वास्थ्य शिक्षा, नियमित फॉलो अप, नियमित ब्लड शुगर की जाँच हेतु 1 ग्लूकोमीटर, प्रतिमाह 100 ग्लूकोस्ट्रिप, बेसल बोलस आधारित इंसुलिन, सीरेंज, दैनिक मोनिटेरींग के लिए एक SMBG बुकलेट नि:शुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है।
टाइप-1 डायबिटीज़ एक ऑटोइम्यून रोग है, जिसमें शरीर इंसुलिन का उत्पादन करना बंद कर देता है, जिससे लोगों को नियमित रूप से इंसुलिन लेने की आवश्यकता होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि शुरुआती पहचान और निरंतर उपचार से इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है और सामान्य जीवन जिया जा सकता है हैं। यह बीमारी मुख्य रूप से बच्चों, किशोरों और युवाओं को प्रभावित करती है, लेकिन किसी भी उम्र में हो सकती है।
स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि टाइप-1 डायबिटीज़ से ग्रसित लोग नियमित रूप से इन क्लीनिक्स में फॉलो-अप के लिए आएं और प्रदान की जा रही सुविधाओं का लाभ लें। राज्य सरकार जल्द ही अन्य जिलों में भी इस पहल का विस्तार करने की योजना बना रही है। टाईप 1 डाईबिटीज के नोडल को-ओर्डिनेटर श्री आशुतोष सिंह का कहना है कि यह कार्यक्रम न केवल लोगों की निरंतर देखभाल सुनिश्चित करेगा, बल्कि डायबिटीज़ की जटिलताओं को भी रोकने में मदद करेगा। एवं यह T1D क्लिनिक प्रत्येक शुक्रवार को नियमित रूप से भीण्डर के जिला अस्पताल में संचालित की जा रही है! अधिक जानकारी हेतु 8354958586 पर संपर्क किया जा सकता है ! जिला NCD कार्यक्रम अधिकारी डॉ प्रणव भावसार की
जनता से अपील कि है कि इंसुलिन लेने वाले बच्चों, वयस्को को भींडर जिला अस्पताल में “T1D क्लिनिक” में लाकर रजिस्ट्रेशन कराकर निशुल्क सुविधाओं एवं सेवाओं का लाभ लेना चाहिए और चिर स्वस्थ रहने हेतु पहल करनी चाहिए! इस योजना में भीण्डर चिकित्सालय के नर्सिंग ऑफिसर दिप्ति गुर्जर, कविता जाट, रुचि गायरी और उपासना लबाना अपनी नियमित सेवाएं देकर पीड़ितों को लाभान्वित कर रही है।।