
कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे
जिला कलक्टर ने कहा कि यह हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है कि जिले में कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। उन्होंने आगामी प्रवेशोत्सव की तैयारियों की समीक्षा करते हुए सभी संबंधित विभागों को समन्वित प्रयास करने और स्थानीय जनप्रतिनिधियों का सहयोग लेने का आह्वान किया। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को प्रतिदिन प्रवेशोत्सव की प्रगति की निगरानी करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अधिकार प्रत्येक बच्चे का मौलिक अधिकार है और 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग का कोई भी बच्चा यदि स्कूल नहीं जा रहा है, तो उसे नजदीकी विद्यालय में दाखिला दिलाया जाए। यह कार्य मिशन मोड में किया जाना चाहिए।
स्कूली बच्चों के नाम पर लगेगे पौधे, देखभाल भी करेंगे
हरियालो राजस्थान अभियान के तहत शिक्षा विभाग द्वारा प्रत्येक ब्लॉक में 50 हजार पौधे लगाने की योजना पर भी चर्चा हुई। जिला कलक्टर ने सुझाव दिया कि स्कूली बच्चों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रत्येक बच्चे के नाम पर एक पौधा लगाया जाए और उसकी देखभाल की जिम्मेदारी भी उसी बच्चे को सौंपी जाए। बैठक में राजकीय विद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं, शक्ति दिवस, अपार आईडी, नामांकन, जनाधार प्रमाणीकरण, मौखिक पठन प्रवाह जैसे अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी विस्तृत समीक्षा की गई। बैठक में जिला परिषद सीईओ रिया डाबी, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी महेंद्र कुमार जैन, सभी सीबीईओ और संबंधित विभागों के प्रभारी अधिकारी उपस्थित थे।