मेनार में नवरात्रि दुर्गा अष्ठमी पर राजसी ठाट बाट शाही लवाजमे के साथ रजत पालकी में मां अम्बें और कालिका माता भक्तो को दर्शन देने निकली नगर भ्रमण, उमड़ा श्रद्धा का जनसैलाब

मेवाड़ी खबर@वल्लभनगर। शारदीय नवरात्रि के पावन पर्व पर मेवाड़ के मेहतागढ़ मेनार में दुर्गाष्ठमी पर्व पर राजसी ठाट बाट शाही लवाजमे के साथ रजत पालकी में इत्र की महक और गुलाब के फुलों से सुसज्जित रथ में मां अम्बें माता एवं कालिका माताजी को जयकारों के बीच विराजित कर 46वी शोभायात्रा निकाली गई, रथयात्रा शाही लवाजमे के साथ सुबह 10 बजे ब्रह्म सागर की पाल पर स्थित मंदिर प्रांगण से बंदूकों की सलामी के साथ रवाना हुई, तो श्रद्धालुओं ने माँ अम्बे, कालिका माता के जयकारों से गलिहारो को गुंजायमान कर दिया। शोभायात्रा की शोभा बढ़ाने हेतु शोभायात्रा में घोडो ने अपने करतब दिखाए। अवसर था नवरात्रि अष्टमी का। मेनार में शुक्रवार को मां अम्बे एवं कालिका माता की बेण्ड बाजों, दो ढोल, थाली, मादल के साथ भक्ति गीतों ओर जयकारों के साथ रजत पालकी में मंदिर गर्भगृह से माता की प्रतिमा को फूलों से सुसज्जित रथ में बिराजित कर राजसी ठाट बाट शाही लवाजमे के साथ माता की भव्य शोभायात्रा रवाना होने लगी तो मेनार के युवाओं ने बन्दुकों से सलामी दी। शोभायात्रा में पुरूष मेवाड़ की पारंपरिक वेशभूषा धोती, कुर्ता तो महिलाएं लाल चुनर ओढ़े हुए शामिल हुई। रथयात्रा में भक्तगण माता के चवर ढोल रहे थे, तो कोई अबीर गुलाल की वर्षा कर रहा था। सुबह 10 बजे रथयात्रा मुख्य रास्तों नीम का चोक, जवाहरनगर, आमलिया बावजी, थंब चोक, स्कूल मार्ग, गणेश घाटी, निचली पोल, हैरी, विका मेहता चोक से होते हूए 5 घंटे नगर भ्रमण कर शोभायात्रा पुनः माता मन्दिर पर शाम 3.15 बजे पहूंची। माता के स्वागत में जगह जगह भक्तों ने पलक पावड़े बिछा दिए और मुख्य रास्तों में भक्तगणों ने जगह-जगह फलाहार, प्रसाद, अबीर गुलाल सहित पुष्प वर्षा कर स्वागत, सत्कार किया एवं माता को श्रीफल भेंट किए। रथ यात्रा ज्यो-ज्यो आगे बढ़ी, त्यों-त्यों भक्तो का जनसैलाब बढ़ता रहा। रथयात्रा में माता के जयकारों एवं बैंड बाजे पर मधुर बजते भक्तिगीतों से पूरा मार्ग भक्तिमय हो गया। श्रद्धालु बैंड बाजो, ढोल, थाली मादल की झनकार पर गैर नृत्य हुआ तो हजारों लोगों ने इस यादगार पल को अपने मोबाईल एवं केमरे में केद किया। हर एक व्यक्ति, महिला शक्तिरूपा के रंग में तल्लीन हो गया। माता के जयकारों से पूरा मेनार गूंज उठा। अंत में भक्तों में प्रसाद वितरण किया गया। रथयात्रा में बैठने के लिए लगी बोलियां रथयात्रा में बैठने के लिए शुक्रवार सुबह 7 बजे ग्रामीण मंदिर प्रांगण में एकत्र हुए और रथ में बैठने के लिए बोलियां लगी, जिसमें रथ में शेर स्थापना, चवर, गोटा, भेंट पात्र, गर्भ गृह से रथयात्रा में माता स्थापना, अबीर की वर्षा की बोलियां लगाई गई, तत्पश्चात माता जी को रथयात्रा में विराजमान किया गया। जिसमें जिन भक्तो ने बोलिया लगाई वह भक्त रथ में माता की सेवा हेतु बैठे। अष्ठमी पर साढ़े तीन घंटे का हुआ माता के दरबार में हुआ हवन मंदिर प्रांगण में रथयात्रा के पहुँचने के बाद पंडित मांगीलाल आमेटा, जमनाशंकर चौबीसा के सानिध्य में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ श्रद्धालुओं की उपस्थिति में यजमानो द्वारा यज्ञशाला में हवन किया गया और 2 बजे बाद हवन की पूर्णाहुति हुई। जिसमें विभिन्न आहुतियां दी गई। यह हवन करीब साढ़े तीन घंटे तक चला। शाम को ग्रामीणों ने चटक चूरमा का माता को भोग लगाया। नवरात्रि में मेवाड़ के एक मात्र गांव मेनार जहाँ यह निकलती है शोभायात्रा मेवाड़ मे मेनार गाँव ही एक ऐसा गाँव है जहाँ नवरात्रि की दुर्गा अष्ठमी पर भव्य रथयात्रा ब्रह्म सागर की पाल पर विराजित गोखड़नुमा शिखर मंदिर से माँ अम्बे और काली के दरबार में जगमग ज्योत के साथ माँ के दरबार से निकलती है। यह विशाल रथयात्रा पिछले 46 वर्षों से भी ज्यादा समय से निकाली जा रही है जिसे देखने के लिए मेनार गांव के विदेशों में कार्यरत युवा एवं गांव की सभी बहिन बेटीयां सहित आसपास के गांव रुण्डेड़ा, खरसाण, वाना, बाठरडा खुर्द, बांसडा, गवारडी, चोकडी, ईंटाली, रोहिड़ा, विजयपुरा, खेरोदा, भटेवर, चोरवडी सहित अन्य गावों से हजारों की संख्या में लोग इस शोभायात्रा में शामिल हुए।