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मेनार राउमावि मे विंग्स ऑफ हॉप कार्यक्रम का हुआ आयोजन, मेनार मे आ रहे प्रवासी, भारतीय पक्षियों की दुनिया के बारे में बताया
वल्लभनगर। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मेनार में प्रवासी पक्षियों को लेकर मेनार पर बनी विंग्स ऑफ होप: ए बस्टलिंग विलेज एंड देयर बर्ड फ्रेंड्स” डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म को अवार्ड मिलने पर गुंजन मेनन एंड टीम द्वारा विंग्स ऑफ हॉप कार्यक्रम का आयोजन रखा गया, जिसमें कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रारंभिक पंचायत शिक्षा अधिकारी मेनार जालमसिंह सारंगदेवोत ने की, मुख्य अतिथि के रूप भारतीय वन्यजीव फ़िल्म निर्देशक गुंजन मेनन थी, विशिष्ट अतिथि की श्रृंखला में अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुंचने वाले राउंड ग्लास सस्टेन के बिजनेस हेड नेहा दारा, वाइल्डलाइफ फिल्ममेकर संयम वाकचौरे, शरद अग्रवाल, पंजाब के सेंट पॉल, विजयलाल एकलिंगदासोत, पूर्व सरपंच मेनार ओंकारलाल भलावत, उपसरपंच मांगीलाल सिंगावत, अम्बालाल रूपावत, सरपंच मेनार प्रमोद कुमार ढोली, पूर्व उपसरपंच शंकरलाल मेरावत, कन्हैयालाल ठाकरोत, हीरालाल ठाकरोत, लक्ष्मीलाल रामावत, दुर्गाशंकर रुपावत, राजकुमार उदावत थे। संचालन सुरेश गड़बड़ा ने किया। कार्यक्रम में सबसे गुंजन मेनन एंड टीम का मेवाड़ी अंदाज में तिलक, उपरणा से स्थानीय विद्यालय की छात्राओं द्वारा पारंपरिक वेशभूषा में स्वागत, सत्कार किया गया, तत्पश्चात माँ सरस्वती दिप प्रज्वलित किया और बालिकाओं द्वारा हंसवाहिनी मंगल कर दो गीत से सरस्वती वंदना की।कार्यक्रम की शुरुआत में पीईईओ जालमसिंह सारंगदेवोत ने प्रवासी पक्षियों के संदर्भ में प्रकाश डाला। पूर्व सरपंच मेनार ओंकारलाल भलावत ने कहा कि मेनार एक महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र है और अपनी समृद्ध पक्षी जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है। प्रतिभाशाली वृत्तचित्र फिल्म निर्माता गुंजन मेनन ने मेनार के सुरम्य दृश्यों और जल निकायों में पक्षियों की गतिविधियों को खूबसूरती से कैद किया है। यह गांव हमेशा पक्षियों के संरक्षण करता आया है और गुंजन मेनन एंड टीम ने मेनार मे इन परिंदों की दुनिया को विश्व पटल पर प्रदर्शित कर मेनार गांव को पहचान दिलाई, जिसके लिए पूरी टीम ग्रामवासियों की आभार व धन्यवाद दिया। साथ ही पक्षी मित्र अजय मेनारिया, दर्शन मेनारिया, राहुल लुणावत, चेतन मेनारिया, उमेश मेनारिया, सुरेश चंद्र मेनारिया सहित अन्य ने पर्यटकों को हर समय गाइड करके मेनार को ख्याति दिलाई।
गुंजन मेनन ने कहा कि पांच मिनट की इस फिल्म को विश्व वन्यजीव दिवस, 3 मार्च को वाशिंगटन डीसी में संयुक्त राष्ट्र फिल्म स्क्रीनिंग में प्रदर्शित किया गया था, जहां यह भारत से एकमात्र प्रविष्टि थी, जिसे 77 देशों की 200 प्रविष्टियों में से चुना गया था। फिल्म महोत्सव का विषय साझेदारी एवं वन्य जीवन संरक्षण था। फिल्म को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर राजस्थानी, हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में रिलीज किया गया था। गुंजन ने आगे कहा कि यह फिल्म दिल को छू लेने वाली कहानी बताती है कि कैसे विदेशी जीव, यानी पक्षी, मेनार के मानव निवासियों के साथ सौहार्दपूर्वक रहते हैं। ग्रामीणों को प्यार से “पक्षी मित्र” कहा जाता है, जिसका अर्थ है ‘पक्षियों के मित्र’, और क्षेत्र में पक्षियों की रक्षा करना उनकी सदियों पुरानी परंपरा रही है। उन्होंने क्षेत्र में मछली पकड़ने और शिकार पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है और सिंचाई के लिए जल निकायों के पानी का उपयोग नहीं करते हैं, जिससे पूरे वर्ष तालाबों में जल स्तर बनाए रखने में मदद मिलती है। मछली पकड़ने से बचकर, गांवों ने यह सुनिश्चित किया है कि क्षेत्र के पास जल निकायों में रहने वाले और घोंसले बनाने वाले हजारों प्रवासी और निवासी पक्षियों के पास खाने के लिए पर्याप्त है और उन्हें भोजन की तलाश में दूर स्थानों पर नहीं जाना पड़ेगा। जिससे यह संभव हो पाया और विश्व में आज मेनार की पहचान हुई है। राउंड ग्लास की नेहा दारा ने विद्यार्थियों को बताया कि वे बहुत भाग्यशाली हैं कि उन्हें पक्षियों से मिलने कहीं दूर नहीं जाना पड़ रहा बल्कि पंछी स्वयं दूर देश से उन्हें मिलने आ रहे हैं । नेहा दारा ने बच्चों और उपस्थित ग्रामीणों, विद्यालय स्टाफ को एक एक कर वेटलैंड, वाइल्डलाइफ संरक्षण से जुड़ी 5 डॉक्यूमेंट्री दिखाई। कार्यक्रम में गुंजन मेनन एंड टीम ने बड़े पर्दे पर मेनार के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मधुश्याम स्टेडियम के सभा कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में स्थानीय स्कूल और महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल के छात्र छात्राओं को मेनार से विंग्स ऑफ होप, कुंभलगढ़, और पश्चिमी राजस्थान से डेजर्ट कैट और स्पाइनी टेल्ड लिजार्ड फिल्मे दिखाई गई, जिन्हे देखकर विद्यार्थी बहुत रोमांचित हुए। इसके बाद इन्ही फिल्मों से प्राप्त सूचना से एक क्विज खेली गई जिसमे विद्यार्थियों ने जवाब देकर पारितोषिक हासिल जीते। साथ ही वाशिंगटन डीसी में संयुक्त राष्ट्र फिल्म स्क्रीनिंग में प्रदर्शित होने पर डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म पर मिले अवार्ड को गुंजन मेनन एंड टीम द्वारा ग्रामवासियों को सिपुर्द किया और कहा कि इस पर सभी ग्रामवासियों का हक है।मेनार के पक्षियों, पक्षी मित्रों और यहां के जलाशयों के रिश्ते को फिल्माने की यात्रा मेनार से शुरू होकर अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र के मंच पर पहुंची और वहां से ट्रॉफी मेनारवासियों को सौंपने का यह पूरा वाकया पूरी तरह से रोमांचित करने वाला रहा।
यहाँ मिला फ़िल्म अवार्ड:डिजिटल दस्तावेजीकरण करने वाले गैर-लाभकारी संगठन राउंडग्लास सस्टेन को उसकी फिल्म विंग्स ऑफ होप: ए के लिए संयुक्त राष्ट्र विश्व वन्यजीव दिवस फिल्म शोकेस में 2023 ऑडियंस अवार्ड से सम्मानित किया गया है । हलचल भरा गाँव और उनके पक्षी मित्र। यह पुरस्कार राउंडग्लास सस्टेन की ओर से राउंडग्लास के संस्थापक सनी गुरप्रीत सिंह ने व्योमिंग, यूएसए में चार दिवसीय जैक्सन वाइल्ड शिखर सम्मेलन के एक भाग के रूप में एक पुरस्कार समारोह में प्राप्त किया। पुरस्कार समारोह के बाद बोलते हुए सिंह ने कहा, “मेनार के लोग हम सभी के लिए प्रेरणा हैं। इस उल्लेखनीय समुदाय ने पक्षियों को सुरक्षित आवास सुनिश्चित करने के लिए झील के आवास से मिलने वाले वित्तीय और सांस्कृतिक लाभों को अलग रखने का विकल्प चुना है। फिल्म, विंग्स ऑफ होप: ए बस्टलिंग विलेज एंड देयर बर्ड फ्रेंड्स, राजस्थान में उदयपुर के गांव मेनार पर आधारित है, जो आरक्षित पक्षी क्षेत्र नहीं होने के बावजूद हजारों निवासी और प्रवासी पक्षियों के लिए एक सुरक्षित आश्रय बन गया है। यह इन पक्षियों को उनके हलचल भरे गाँव में सुरक्षित महसूस कराने के लिए स्थानीय लोगों के असाधारण प्रयासों को उजागर करता है। दुनिया भर से क्यूरेट और प्रदर्शित की गई 29 फिल्मों में से ‘विंग्स ऑफ होप’ भारत से एकमात्र प्रतिनिधि के रूप में सामने आई। विंग्स ऑफ होप को राउंडग्लास सस्टेन ने फिल्म निर्माता गुंजन मेनन, एक नेशनल ज्योग्राफिक स्टोरीटेलिंग एक्सप्लोरर, एक एनईएफ फेलो और मेंटर के साथ मिलकर बनाया है। उनकी विशेषज्ञता मानव और पशु पात्रों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ प्रभावशाली वन्य जीवन और संरक्षण कहानियां बनाने में निहित है। राउंडग्लास सस्टेन ने मेनन के साथ मिलकर मेनारियास की कहानी को इस तरह से तैयार किया कि इसकी गूंज विश्व स्तर पर हो। मेनन ने कहा, “इस फिल्म के साथ, मेनारिया ने अपने समुदायों के भीतर संरक्षण और बदलाव पर जोर दिया है। मेनार को एक आर्द्रभूमि घोषित किया गया था और रामसर साइट घोषित करने के लिए नामांकित किया गया है।” राउंडग्लास सस्टेन एक गैर-लाभकारी संगठन है जो भारत की समृद्ध जैव विविधता का दस्तावेजीकरण कर रहा है।