प्रभावित क्षेत्रों का दौरा, ग्रामीणों से संवाद :
एमबी अस्पताल में मरीजों से मिलने के बाद प्रभारी सचिव व जिला कलेक्टर पोपल्टी गांव के खंडेर एवं रूणिया फला पहुंचे। वहां उन्होंने उस गड्ढे का अवलोकन किया, जिसका पानी पीने से लोगों के बीमार होने की बात सामने आई। दोनों अधिकारियों ने आसपास के रहवासियों से संवाद कर जानकारी ली। प्रशासन की ओर से ग्रामीणों के लिए पेयजल की व्यवस्था की जा रही है। प्रभारी सचिव व जिला कलेक्टर ने ग्रामीणों को हरसंभव राहत देने का भरोसा दिलाया और कहा कि राज्य सरकार ग्रामीणों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील है और इस प्रकरण में राज्य सरकार के निर्देशानुसार समस्त संबंधित विभागों को पूरी सतर्कता बरतते हुए कार्यवाही करने के निर्देश दिए है।
सर्किट हाउस में ली बैठकः
पोपल्टी गांव का दौरा करने के बाद प्रभारी सचिव ने सर्किट हाउस में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग तथा स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों की बैठक ली। इसमें उन्होंने पोपल्टी गांव में हुई घटना को दुःखद बताते हुए अधिकारियों को सावचेत रहते हुए कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले भर में बारिश के मौसम में पेयजल की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिए जाने, मौसमी बीमारियों को लेकर आमजन को जागरूक करने, चिकित्सा संस्थानों में आवश्यक बंदोबस्त रखने के निर्देश दिए।
जिला प्रमुख भी पहुंची पोपल्टी गांवः
जिला प्रमुख ममता कुंवर ने भी सोमवार को पोपल्टी गांव का दौरा कर पीड़ित व प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने मृतकों के परिजनों को ढांढस बंधाया। राज्य सरकार ने हरसंभव आर्थिक सहायता दिलाने, स्वच्छ पेयजल व्यवस्था के लिए हैंडपंप अथवा पनघट जिला परिषद के माध्यम से स्वीकृत किए जाने का आश्वासन दिया। साथ ही मौके पर कार्यरत चिकित्सा टीमों से जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान समाजसेवी भंवर सिंह पंवार, दिनेश धाबाई, धर्मचंद मीणा, भू अभिलेख निरीक्षक बाबूलाल, पटवारी चंद्रप्रकाश जोशी, ग्राम विकास अधिकारी अरविन्द चौहान आदि मौजूद रहे।
2295 लोगों की स्क्रीनिंग, अब तक 37 एमबी में भर्ती :
सीएमएचओ डॉ बामणिया ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों के निर्देशन में चिकित्सा टीमें गांव में कैम्प कर रही हैं। बीसीएमओ, डिप्टी सीएमएचओ, जिला जन स्वास्थ्य पर्यवेक्षक आदि प्रभावित क्षेत्रों में लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। 5 टीमें लगातार प्रभावित क्षेत्रों में सर्वे कर रही हैं। तीन दिन के दरम्यान कुल 369 घरों के 2295 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। अब तक कुल 37 मरीजों को एमबी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। 15 मरीजों को मौके पर ही उपचार दिया गया। 20 मरीजों की रक्त स्लाइड भी ली गई हैं। पानी, वॉमिट्स और स्टूल के नमूने पहले ही जांच के लिए भेज दिए गए हैं। गांव में स्थित दूषित पानी के स्त्रोत (वेरी) से पानी पीने पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा दिया गया हैं एवं पानी के टेंकर तथा केम्पर के द्वारा शुद्ध पेयजल का वितरण किया जा रहा हैं। दूषित पानी नहीं पीने के लिए क्षेत्र में व्यापक प्रचार प्रसार भी किया जा रहा हैं। 108 एवं बेस एम्बुलेंस केम्प स्थल पर तैनात हैं। मेडिकल टीमों को आग्रिम आदेशों तक निरंतर सर्वे कार्य जारी रखे जाने के निर्देश दिए हैं। नाई सीएचसी को 24 घंटे खुला रखने के निर्देश दिए हैं। स्टॉप डायरिया कार्यक्रम के तहत् पहले से चल रही गतिविधियों में और भी तेजी लाई गई है। आवश्यक दवाईयां ओआरएस पाउडर, जिंक टैबलेट्स, क्लोरीन टैबलेट, डॉक्सी साइक्लिन आदि दवाईयां प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं।