राष्ट्रीय महिला आयोग आपके द्वारमहिलाएं अब वण्डर वुमन, कार्यस्थलों पर मिले भयमुक्त वातावरणः विजया रहाटकर

मेवाड़ी खबर@उदयपुर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया के रहाटकर ने कहा कि महिलाएं अब वण्डर वुमन की भूमिका में आ रही हैं। वे न केवल घर-परिवार, चूल्हा -चौका संभाल रही, बल्कि अर्थ अर्जन में भी सक्रिय हैं। आज हर क्षेत्र में महिलाएं आगे बढ़ रही हैं। कार्यस्थलों पर महिलाओं के साथ होने वाले यौन उत्पीड़न को रोकने तथा महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से ही केंद्र सरकार ने कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 लागू किया है। अधिनियम की मूल भावना के अनुरूप महिलाओं को कार्यस्थल पर भय मुक्त वातावरण उपलब्ध कराना सभी की जिम्मेदारी है। रहाटकर मंगलवार को जिला परिषद सभागार में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न अधिनियम 2013 की क्रियान्विति को लेकर संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक को संबोधित कर रही थीं। बैठक में जिले के प्रभारी एवं राजस्व विभाग मंत्री हेमन्त मीणा, उदयपुर लोकसभा सांसद डॉ. मन्नालाल रावत, संभागीय आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी, आईजी बांसवाड़ा एस परिमला भी बतौर अतिथि मंचासीन रहे। प्रारंभ में संभागीय आयुक्त सुश्री केवलरमानी ने आयोग अध्यक्ष रहाटकर का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक संजय जोशी ने प्रभारी मंत्री, सांसद सहित अन्य अतिथियों का स्वागत किया। आयोग अध्यक्ष रहाटकर ने कहा कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न अधिनियम काफी महत्वपूर्ण है। यह महिलाओं को कार्यस्थल पर आत्मसम्मान और निर्भयता के साथ कार्य करने का अधिकार प्रदान करता है। उन्होंने अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप कार्यालयों में गठित इंटरनल कमेटी के बारे में विभागीय अधिकारियों से फीडबैक लिया। साथ ही अधिनियम के प्रति जागरूकता को भी परखा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसी सरकारी, अर्द्धसरकारी, सार्वजनिक उपक्रम अथवा निजी कार्यस्थल पर 10 या इससे अधिक महिलाएं कार्यरत हैं तो वहां यौन उत्पीड़न की शिकायतों की सुनवाई के लिए इंटरनल कमेटी गठित होना आवश्यक है। वहीं 10 से कम होने पर उन कार्यालयों से जुड़ी शिकायतों की सुनवाई जिला कलक्टर की अध्यक्षता वाली लोकल कमेटी करती है। राष्ट्रीय अध्यक्ष रहाटकर ने महिला कार्मिकों का आह्वान करते हुए कहा कि कार्यस्थल पर किसी भी प्रकार का यौन दुराचरण होने पर निर्भय होकर शिकायत करें। बैठक के दौरान महिला आयोग की प्रतिनिधि ने पीपीटी के माध्यम से अधिनियम की विस्तृत जानकारी साझा की। बैठक में जिला पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त छोगाराम देवासी, एडीएम प्रशासन दीपेंद्रसिंह राठौड़, नगर निगम आयुक्त रामप्रकाश, राष्ट्रीय महिला आयोग की वरिष्ठ समन्वयक लीलावती एम. सहित उदयपुर संभाग के विभिन्न जिलों से आए अधिकारीगण, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

यह निर्देश भी दिए :
महिला आयोग अध्यक्ष ने इंटरनल कमेटी की प्रत्येक 3 माह में बैठक आयोजित करने, कार्यस्थल पर अधिनियम की जानकारी और इंटरनल कमेटी की सूचना का व्यापक प्रचार प्रसार करने के लिए आवश्यक पोस्टर आदि लगवाए जाने, इंटरनल कमेटी अध्यक्षों की हर 6 माह में बैठक लेकर समीक्षा किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने जिले भर में संचालित सभी विभागों की इंटरनल कमेटी के सदस्यों की प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने के निर्देश दिए।

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