Festival
मेनार में ऐतिहासिक महापर्व जमराबिज इस बार 26 मार्च को मनाया जाएगा
वल्लभनगर। राजस्थान संस्कृति और परंपराओं का खजाना है, जहाँ विभिन्न संस्कृति और परंपराओं का अद्भुत समावेश है। वही होली अल्हड़ मस्ती का त्यौहार है। देश के विभिन्न हिस्सों में होली मनाने के कई रिवाज प्रचलित हैं, लेकिन उदयपुर जिले के मेहतागढ़ मेनार की होली सबसे अनूठी मानी जाती है। यहां होली के मौके पर दिवाली सा नजारा दिखाई देता है। मेनार में रंग और फूलों से नहीं, पटाखे और बारूद से होली खेली जाती है। आधी रात तक ओंकारेश्वर चौक पर युद्ध का परिदृश्य जीवंत हो उठता है। ग्रामीण पारंपरिक वेशभूषा धोती, कुर्ता, कसुमल पगड़ी पहने ग्रामीणों की टोली और गरजती तोपें, हवा में लहराती बंदूकें, हाथों में तलवारें और भव्य आतिशबाजी के साथ होली के तीसरे दिन मनाया जाने वाला शौर्य, वीरता का प्रतीक ऐतिहासिक त्यौहार जमराबिज इस बार 26 मार्च को मनाया जाएगा, जिसके आसपास के गाँवो सहित मेवाड़ के उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, निम्बाहेड़ा, मालवा एवं मध्यप्रदेश के हज़ारों लोग साक्षी बनेंगे। ऐतिहासिक महापर्व जमराबिज चैत्र कृष्ण पक्ष द्वितीया 26 मार्च को मेनार प्राचीन ठाकुरजी मंदिर ओंकारेश्वर चौक में मनाए जाने वाले पर्व की तैयारियों में ग्रामीण जुट गए है। ग्रामीण इस ऐतिहासिक महापर्व के लिए बंदूकें, तलवारे एवं तोपो की साफ सफाई तथा आतिशबाजी के लिए पटाखों की खरीदारी शुरू कर दी है। वही अपनी पारंपरिक वेशभूषा के लिए भी कई युवा धोती, कुर्ता तैयार करवा रहे है, जिससे टेलर के यहाँ भीड़ पड़नी शुरू हो गयी है। वही इस पूरे कार्यक्रम को लेकर पुरे गांव को एक दुल्हन की तरह सजाया जाएगा तथा 26 मार्च को ओंकारेश्वर चौक चकाचौंध सी रोशनीयो से नहाया हुआ रहेगा।