जीवन में प्रभु नाम ही साथ जाएगा:- कृष्ण किंकर महाराज

भींडर।नगर स्थित गोवर्धन वाटिका में सप्तम दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का हवन शांति पूर्णाहुति के साथ विश्राम हुआ। मनुष्य जन्म मिलना ही अपने पूर्व जन्मों का प्रारब्ध होता है कि आप उन सबको मनुष्य जन्म मिला है जिस संकल्प को लेकर परमात्मा से प्रार्थना की गई उसे संकल्प की पूर्ति का माध्यम बना है मानव जीवन और मानव जीवन में संस्कारी परिवार में जन्म लेकर अपने जीवन का कल्याण करना अपने पितरों का कल्याण करने का जो मार्ग प्रशस्त करता है वह परमात्मा का लाडला पत्र बन जाता है। कभी-कभी परमात्मा भक्त की परीक्षा लेने के लिए कई प्रकार के हथकड़ी अपनाते हैं लेकिन बहुत परीक्षा में खड़ा उतरकर जन्म-जन्म तोर तक परमात्मा का प्यारा लाल बन जाता है। सत्य कभी परास्त नहीं हो सकता और संकल्प की शक्ति के साथ व्यक्ति कदम आगे बढ़ते तो संकल्प की पूर्ति परमात्मा आवश्यक कर देता है। जीवन में । जब भी व्यक्ति को जीव को समय मिलता है तो प्रभु नाम का भजन करते रहना चाहिए कहते हैं कि आश्रय ऐसे व्यक्ति का लिया जाना चाहिए जो अपना तो भला कर सके लेकिन अपने कुटुंब परिजनों का भी भला कर सके। मित्र हमेशा मित्रता निभाता है

और वह भी समय आने । जिस प्रकार भगवान श्री कृष्ण नेसुदामा से दोस्ती निभाई और मित्र से मिलने के लिए नंगे पास जब परमात्मा दौड़ आते हैं तो उसे मित्र के लिए खुशी का फल कितना महान रहोगे कल्पना की जा सकती है। स्वर्गीय शोभा लाल चौबीसा विजावत पामना की पुण्य स्मृति में विजयाबाई ने आयोजन बनकर भिंडर नगर में श्रीमद् भागवत कथा का रसपान कराया परिवार के सभी परिजन बद्रीलाल, पवन कुमार, नितिन कुमार ने अतिथियों का सत्कार कर अपने अपने भाग्य की सराहना की। कथा में सुदामा चरित्र से सब व्यक्तियों को करुण बना दिया गया। कथा विश्राम के बाद वाटिका से परमात्मा । नरसिंह भगवान को रजत वैवाण में बिठाकर नगर परिक्रमा करवाई गाजे बाजे के साथ आनंद लिया गया खूब भक्तों ने भजनों पर नृत्य प्रस्तुत करके अपने प्रभु के प्रति भक्ति का भाव प्रकट कराया। इस अवसर पर चौबीसा समाज मेवाड़ के चौग्रामी क्षेत्र के समस्त गांव के समस्त समाज जनों ने अपनी उपस्थिति देकर सारे माहौल आनंदित कर दिया। जीवन में एक साथ प्रभु दर्शन करना चाहते हैं तो गौ सेवा का संकल्प लें जिससे अपना भव सुधर सके। भक्ति का आनंद लेने के लिए पूर्व विधायक प्रीति गजेंद्र सिंह शक्तावत ने भाग लिया।