केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का चिंतन शिविर महिला एवं बाल विकास देश-प्रदेश की प्रगति की आधारशिलाराज्य सरकार योजनाओं का कर रही प्रभावी क्रियान्वयनमहिलाओं-बच्चों के उत्थान के लिए राज्य सरकार संवेदनशील -: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा

मेवाड़ी खबर@उदयपुर/जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि महिला एवं बाल विकास देश एवं प्रदेश की प्रगति की आधारशिला है। इनके सशक्तीकरण से एक अच्छे परिवार, समाज और राष्ट्र का निर्माण होता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं एवं बच्चों के उत्थान के लिए पूरी संवेदनशीलता से कार्य कर रही है। हम इनसे जुड़ी योजनाओं और कार्यक्रमों का प्रभावी, पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन सुनिश्चित कर रहे हैं ताकि विकसित भारत-विकसित राजस्थान के लक्ष्य को साकार किया जा सके। शर्मा शनिवार को उदयपुर में केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के तत्वावधान में आयोजित चिंतन शिविर के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह चिंतन शिविर महिलाओं एवं बच्चों के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित होगा। इस शिविर में हम साथ मिलकर इनके भविष्य को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में चिंतन करें जिससे महिला एवं बाल विकास को नई दिशा मिले। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मातृशक्ति तथा बच्चों के समग्र विकास के लिए समर्पित मुख्यमंत्री ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2014 के बाद देश में अभूतपूर्व बदलाव लाए हैं। वे राष्ट्र को मजबूत बनाने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने नई योजनाओं एवं नवाचारों से देश के विकास में नया अध्याय जोड़ा है। श्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री मातृशक्ति तथा बच्चों के समग्र विकास के लिए समर्पित हैं, उनके अनुसार देश में महिला, युवा, किसान तथा मजदूर चार जातियां हैं। जिनके उत्थान एवं सर्वांगीण विकास के लिए सरकार काम कर रही है

महिला एवं बाल विकास की दिशा में राज्य सरकार कर रही निरंतर कार्य

शर्मा ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर 3 से 6 वर्ष के बच्चों को पोषाहार के साथ अतिरिक्त पोषण के लिए सप्ताह में तीन दिन गर्म दूध उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री अमृत आहार योजना शुरू की गई है। राज्य सरकार 2 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों को आदर्श आंगनबाड़ी के रूप में विकसित कर रही है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के संचालन में सहयोग करने वाले स्थानीय आमजन का सम्मान करना चाहिए। राज्य सरकार महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित प्रत्येक योजना की निरंतर मॉनिटरिंग, मूल्यांकन तथा आकलन कर रही है जिससे योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्ति तक पहुंचना सुनिश्चित हो सके।

विभिन्न योजनाओं के माध्यम से अंत्योदय की संकल्पना हो रही साकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत मिलने वाली प्रोत्साहन राशि को राज्य सरकार ने 5 हजार से बढ़ाकर 6 हजार 500 रुपये कर दिया गया है। साथ ही, दिव्यांग गर्भवती महिलाओं को 10 हजार रुपये की सहायता दी जा रही है। श्री शर्मा ने कहा कि बालिका सशक्तीकरण हेतु लाडो प्रोत्साहन योजना, कालीबाई भील उड़ान योजना जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। राज्य सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पालनहार योजना से राज्य के 6 लाख बच्चों के लिए आर्थिक सहायता भी उपलब्ध करवाई जा रही है। शर्मा ने कहा कि महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण की देखरेख के साथ उनकी सुरक्षा, शिक्षा, कौशल संवर्द्धन, रोजगार, उद्यमिता, सामाजिक सम्मान, महिला हितैषी नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन सहित विभिन्न पहलुओं के प्रति सरकार पूरी तरह संवेदनशील है। केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से अंत्योदय की संकल्पना को साकार किया जा रहा है।

चिन्तन शिविर महिला-बाल विकास के समेकित उत्थान का नया अध्याय – केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि चिन्तन शिविर की परिकल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। उनका दृष्टिकोण है कि विकसित भारत के निर्माण के लिए महिलाओं और बच्चों का सशक्त होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास की चुनौतियों और उनके समाधान को लेकर आयोजित यह चिन्तन शिविर महिला-बाल विकास के समेकित उत्थान का नया अध्याय लिखेगा। उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से संचालित मिशन सक्षम आंगनबाड़ी, पोषण अभियान 2.0, मिशन शक्ति और मिशन वात्सल्य के बारे में जानकारी देते हुए उन्हें और अधिक बेहतर ढंग से क्रियान्विति किए जाने पर चर्चा की।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर ने कहा कि चिन्तन शिविर का मंच विचारों को कार्यों और कार्यों को परिणाम में बदलने का अवसर सिद्ध होगा। प्रधानमंत्री का सपना है कि देश की प्रत्येक महिला और बालक सशक्त बने, तभी देश का विकास संभव है। इस संकल्प को पूर्ण करने के लिए यह चिन्तन शिविर महत्वपूर्ण प्रयास है।
प्रदेश की उपमुख्यमंत्री एवं महिला एवं बाल विकास मंत्री दिया कुमारी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार विकसित भारत-विकसित राजस्थान के लक्ष्य को लेकर निरंतर आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महिला सम्मान, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए लगातार काम कर रही है। साथ ही नव पीढ़ी को सुदृढ और समर्थ बनाने के लिए भी संकल्पित है। आंगनबाड़ी कार्मिकों के मानदेय में बढ़ोतरी की गई है। साथ ही, विभागीय योजनाओं के माध्यम से महिला एवं बाल विकास के संकल्प को मूर्त रूप दिया जा रहा है।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री शर्मा के यहां पहुंचने पर दीप प्रज्वलित करते हुए शिविर का विधिवत शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम दौरान मुख्यमंत्री और केन्द्रीय मंत्रियों सहित विभिन्न राज्यों से पहुंचे अतिथियों का मेवाड़ी परंपरा के अनुसार पगड़ी पहनाकर स्वागत किया।
इस अवसर पर राजस्थान महिला एवं बाल विकास विभाग राज्यमंत्री डॉ मंजू बाघमार, ओड़िशा की उपमुख्यमंत्री पार्वती परिदा, महिला एवं बाल विकास विभाग के शासन सचिव महेंद्र सोनी, निदेशक ओपी बुनकर, अतिरिक्त निदेशक मेघराजसिंह मीणा सहित केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रीगण और वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन राजेन्द्र सेन और माधुरी शर्मा ने किया

advertisement

News Image
News Image
News Image
News Image
News Image
--
News Image
News Image
News Image
News Image
News Image
News Image
News Image
--
News Image
News Image
News Image
News Image
News Image
error: Content is protected !!