मेवाड़ी खबर@वल्लभनगर
ग्राम पंचायत मेनार की ओर से आयोजित 27वें विशाल श्री अंबामाता आमजन एवं पशु मेले का शुभारंभ आज सोमवार सुबह 11 बजे सांसद सी.पी. जोशी के मुख्य आतिथ्य में होगा। यह मेला 20 अक्टूबर तक चलेगा, जिसमें धार्मिक, सांस्कृतिक व मनोरंजक कार्यक्रमों की श्रृंखला देखने को मिलेगी। उद्घाटन समारोह में वल्लभनगर विधायक उदयलाल डांगी, जिला प्रमुख ममता कुंवर, पंचायत समिति सदस्यगण, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहेंगे।

ग्राम विकास अधिकारी प्रभु लाल यादव एवं पंचायत प्रशासक प्रमोद कुमार ने बताया कि मेले की तैयारियाँ पूर्ण कर ली गई हैं। डाक बंगला से अमरपुरा चौहारा तक सड़क की मरम्मत, सफाई व्यवस्था, प्रकाश व्यवस्था एवं पेयजल की संपूर्ण व्यवस्था कर दी गई है। अब तक 750 से अधिक प्लॉटों का आवंटन हो चुका है, जिनमें व्यापारी अपनी दुकानें व झूले लगाने में जुटे हैं। मेले में आगंतुकों के मनोरंजन के लिए सांस्कृतिक संध्या, भजन संध्या, कवि सम्मेलन सहित अनेक कार्यक्रम होंगे। वहीं, मनोरंजन के साधनों में चकरी, ड्रेगन ट्रेन, डोलर, मौत का कुआँ, जादूगर शो, प्यारेलाल शो, सर्कस, मनिहारी की दुकानें आदि आकर्षण का केंद्र रहेंगी।
ग्राम पंचायत की ओर से विशेष व्यवस्थाएँ
पशुओं के लिए टीकाकरण व चिकित्सा सुविधा, 24 घंटे बिजली व पानी की व्यवस्था, टू व्हीलर व चार व्हीलर पार्किंग स्थल, सुरक्षा हेतु पुलिस जाब्ता व प्रशासनिक निगरानी रहेगी। उपखंड अधिकारी निरमा विश्नोई के निर्देशन में प्रशासनिक दल मेले की व्यवस्थाओं पर नजर रखेगा। वहीं, थाना खेरोदा से थानाधिकारी के नेतृत्व में पुलिस जवान 24 घंटे सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात रहेंगे। पुरा मेला सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रहेगा। उपसरपंच मांगीलाल सिंगावत ने बताया कि व्यापारी अपनी दुकानें सजाने में जुटे हैं। इस बार मेले में झूलों और मनोरंजन साधनों की संख्या पिछले वर्षों से अधिक है। मेले की व्यवस्थाओं में सरपंच प्रमोद कुमार, ग्राम विकास अधिकारी प्रभुलाल यादव, उपसरपंच मांगीलाल सिंगावत, कनिष्ठ सहायक विक्रम सिंह देवड़ा, वार्ड पंच शंकरलाल मेरावत, प्रेम पांचावत, दयाशंकर लुणावत, विक्रम सुथार, हुक्मीचंद सुथार, संजय मेघवाल, पारस मीणा, प्रतिनिधि अंबालाल रूपावत, जीवन दावोत, नरेशगिरी, तथा पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि पुरुषोत्तम रूपावत, झमक कुम्हार सहित ग्रामीणजन सक्रिय सहयोग दे रहे हैं। मेनार का यह ऐतिहासिक मेला क्षेत्र की धार्मिक आस्था, लोक संस्कृति और ग्रामीण जीवन का प्रतीक माना जाता है, जिसमें दूर-दूर से लोग परिवार सहित भाग लेने आते हैं।
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