भींडर ।मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार समाज के पितृ पुरुष, आराध्य देव, महाराजा अजमीढ़ की जन्म जयंती स्वर्णकार समाज भवन भींडर में समारोह पूर्वक मनाई गई। स्वर्णकार समाज भवन मे अजमीढ़ जयंती समारोह हुआ। कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ।समारोह में प्रमुख वक्ता अनिल स्वर्णकार ने कहा कि महाराजा अजमीढ़ हस्तिनापुर के राजा हस्ती के पौत्र और भगवान श्रीराम के समकालीन चंद्रवश की 28 वी पीढ़ी के शासक थे। जिन्होंने अजमेर नगर के पास मैढावृत क्षेत्र की स्थापना की । महाराजा अजमीढ़ ने स्वर्णकार समाज को स्वर्ण ,रजत आभूषण कला सीखा कर आजीविका का मार्ग प्रशस्त किया। मैढ़ क्षत्रिय स्वर्णकार पहचान दी। उनके उपकार सदैव अविस्मरणीय है। साथ ही महाराजा अजमीढ के जीवन वृत्त, स्वर्णकार समाज के उद्भव, उत्पत्ति और शरद पूर्णिमा पर्व के महत्व की जानकारी दी। कार्यक्रम समापन पर महाराजा अजमीढ की आरती और सामूहिक भोजन हुआ। इस अवसर पर समारोह में नरेश चंद्र सूरजनवाल, समाज अध्यक्ष गजेंद्र मलेंडीया, रामपाल सोनी, नारायण लाल सोनी,जगदीश उदावत, गोपाल कृष्ण रुणवार सहित सभी स्वर्णकार समाजजन , महिला वर्ग उपस्थित थे। इस अवसर पर बोर्ड कक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने पर जया सोनी , समाज सेवा में राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त करने पर अनिल स्वर्णकार सहित सांस्कृतिक प्रस्तुति देने वाले 7 प्रतिभाओं का पारितोषिक देकर सम्मान किया गया। शुक्रवार रात्रि को स्वर्णकार समाज भवन में गरबा का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का संचालन अनिल स्वर्णकार ने किया।

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