गौशालाओ में गोवंश के भरण पोषण राशी में वृद्धि किये जाने की सख्त आवश्यकता: आक्या

उदयपुर । चित्तौडगढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने मंगलवार को विधानसभा सत्र के दौरान गौवंश पर बोलते हुए गोसंरक्षण एवं गोपालन हेतु अनुदान राशी बढ़ाने का मुद्दा सदन में उठाया। विधायक आक्या ने सदन में कहां कि कांजी हाउस/गौशालाओ में संधारित बड़े गौवंश को भरण पोषण सहायता राशी के रूप में 40 रूपये तथा छोटे गोवंश को भरण पोषण सहायता राशी के रूप में 20 रूपये प्रति गोवंश प्रतिदिन की दर से 270 दिवस तक दी जा रही है। जिसे बढ़ाकर बड़े गौवंश के लिये 100 रुपये तथा छोटे गोवंश के लिये 50 रूपये तक प्रति गोवंश प्रतिदिन 365 दिवसो के लिये किये जाने की आवश्यकता है। पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जोगाराम कुमावत ने जवाब देते हुए कहां कि अंधी व अपाहिज गोवंश के लिये अनुदान सहायता राशी 365 दिवस के लिये दिये जाने का प्रावधान है। मुख्यमंत्री द्वारा 29 जुलाई 2024 को अनुदान राशी में 10 प्रतिशत वृद्धी किये जाने का प्रावधान किया है जो आगामी अनुदान में बढ़ाकर दी जाएगी। विधायक आक्या ने कहां कि 2016 में गोसरंक्षण अधिनियम पारित किया गया था। सन् 2021 में पारित संशोधन में गोसेस कर की राशी को मानव आपदा पर व्यय किये जाने का प्रावधान किया गया था। क्या सरकार 2021 में पारित संशोधन के तहत सेस कर की राशि को पुनः 2016 के गोसरंक्षण अधिनियम में ले जाने का विचार रखती है। साथ ही उनके विधानसभा क्षैत्र में अनेक गोचर जमीन है जिसे गौशालाओ के लिए आंवटित करने में दिक्कते आती है, सरकार को इस बाबत मंत्रीमण्डल की बैठक बुलाकर आवश्यक संशोधन कर नियम बनाना चाहिए। इस पर मंत्री कुमावत ने विधायक आक्या को आश्वस्त करते हुए कहां कि शराब, रजिस्ट्री, स्टाम्प पंजीयन आदि से प्राप्त सेस कर की राशी को गौशालाओं के अनुदान व संचालित विकास योजनाओं पर ही खर्च किये जाने का प्रावधान है जो कि आगे भी लागु रहेगा। सरकार का इसमें संशोधन करने का कोई विचार नही है।
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