मेनार में महादेवजी एवं कालिका माताजी की प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत महादेव जी की कथा का हुआ आयोजन, हवन अनुष्ठान है जारी

मेनार।उपखंड क्षेत्र मेनार के नीम का चौक में स्थित महादेवजी एवं कालिका माताजी प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव की एवं कालिका माताजी मंदिर पर स्वर्ण कलश एवं ध्वज दंड की स्थापना के अंतर्गत 7 दिवसीय विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान के तहत बुधवार को पंडित अंबालाल शर्मा, सराड़ी के सानिध्य में पूर्ण मंत्रोच्चार के साथ महादेव जी व कालिका माताजी मंदिर व मूर्तियों का शिखर स्नान कराकर पवित्र कर शुद्धिकरण किया गया, इसमें अनेक प्रकार की औषधियों, नदी का जल, फल सहित दिव्य द्रव्यों से शुद्धिकरण हुआ। इस आयोजन को लेकर कालिका माताजी का आकर्षक श्रृंगार किया गया। साथ ही विभिन्न मंत्रोच्चार के साथ महादेव जी सहित पूर्ण परिवार, कालिका माताजी मूर्ति, स्वर्ण कलश एवं ध्वजादंड का पूजन किया गया और अभिषेक किया गया। महाआरती की गई। बुधवार को पंडित अम्बालाल शर्मा के सानिध्य में पूर्ण मंत्रोच्चार के साथ मण्डप में देवी-देवताओं का रुद्र एवं चंडी यज्ञ किया गया, जिसमें छह पारियों में पांच-पांच जोड़ो (यजमान) द्वारा हवन में आहुतियां दी गई, आहुतियां में अनेक प्रकार के मेवे, फूल, खीर, औषधियां, आक, साकल्य सहित अन्य आहुतियां दी गई। इधर, स्वर्ण कलश एवं ध्वजदंड स्थापना सहित अन्य बोलियो के लगने का क्रम जारी है। बोलियां गुरुवार सुबह 8 बजे तक लगेगी।

शिव-पार्वती विवाह कथा का हुआ आयोजन:मंगलवार रात मंदिर प्रांगण में महादेव जी की कथा का आयोजन हुआ, जिसमें कथा वाचक सोहनदास वैष्णव थे। कार्यक्रम में कथा व्यास सोहनदास ने शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाया। प्रसंग सुन श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए। इस दौरान शिव-पार्वती विवाह की झांकी भी सजाई गई। कथा व्यास ने कहा कि नारद कहता है, शिवजी स्वयंभू हैं। इन्होंने खुद की रचना की है। इनके न तो पिता हैं न माता। इनका न कोई वंश है, न परिवार। यह किसी परंपरा से ताल्लुक नहीं रखते और न ही इनके पास कोई राज्य है। कथा विश्राम के बाद आरती उतारकर प्रसाद वितरित किया गया।
छोगालाल कलावत, किशन मेनारिया ने बताया कि आज गुरुवार को हवन की पूर्णाहुति के साथ महाआरती व सुबह 11.20 से दोपहर 1.17 बजे के बीच शुभ मुहूर्त में विभिन्न मंत्रोच्चार के साथ पंडित के सानिध्य में महादेव जी एवं माँ कालिका माताजी की प्राण-प्रतिष्ठा होगी और साथ ही मां कालिका माताजी मंदिर पर स्वर्ण कलश एवं ध्वज दंड स्थापना की जाएगी। दोपहर 2 बजे से महाप्रसादी का आयोजन शुरू होगा, जो देर रात 8 बजे तक चलेगा।

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