भक्त शिरोमणी मीराबाईं के संस्थान का हो विकास-सांसद जोशी*

नई दिल्ली। चित्तौड़गढ़ सांसद सी.पी.जोशी ने लोकसभा में शुन्यकाल के दौरान सदन की कार्यवाही में भाग लेते हुये भक्तशिरोमणी मीराबाई के 525वें जन्मोत्व वर्ष में मीरां स्मृति संस्थान के विकास से संबधी विषय को सदन में रखा।सांसद जोशी ने सदन के माध्यम से केन्द्र सरकार के पर्यटन एवं सस्ंकृति मंत्रालय की तरफ ध्यानाकृष्ट करते हुये बताया की मोदी सरकार में इस मंत्रालय में विगत वर्षों में स्वदेश दर्शन योजना, प्रासाद योजना, ह्रदय योजना आदि के माध्यम से देश के वीरता एवं शौर्य के साथ साथ भक्ति एवं आध्यात्म से जुड़े स्थलों का विकास करवाया हैं। अभी भारत सरकार भक्तशिरोमणी मीरांबाई के 525वें जन्मोत्सव को धुमधाम से पुरे देश में मना रही हैं। मीराबाईं जिनका संबध चार प्रमुख स्थानों से रहा हैं। मेड़ता जहॉ पर उनका जन्म हुआ, चित्तौड़गढ़ जहॉ पर उनका विवाह हुआ, वृन्दावन जहॉ पर भक्ति की एवं द्वारीका जहॉ पर वो भगवान में समा गयी थी। सांसद जोशी ने सदन के माध्यम से सरकार से आग्रह किया की आने वाले समय में मीरांबाई जिनकी जीवनी, कार्यों एवं भक्ति पर न केवल भारत बल्कि पुरे विश्व में काफी अध्ययन एवं खोज हो रही हैं। चित्तौड़गढ़ में मीराबाईं पर विश्व की सबसे बड़ी लाईब्रेरी बनी हुयी हैं। मीरां स्मृति संस्थान में इस पर अध्ययन एवं खोज लगातार होती रहती हैं तथा विगत कई वर्षों से इस पर कार्यक्रम करवाता रहा हैं। सांसद जोशी ने केन्द्र सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय से इस 525वें जन्मोत्सव के अवसर पर चित्तौड़गढ़ में स्थित मीरां स्मृति संस्थान जहॉ पर उस संस्थान के पास आवश्यक जमीन भी उपलब्ध हैं, इस स्थान को इस मंत्रालय की योजना में शामिल करवे उसको विकसीत किया जाने का आग्रह किया जिससे देश दुनिया से आने वाले भक्त एंव शोधार्थी मीरा दर्शन का लाभ उठा सकें
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