उपवन संरक्षक उदयपुर उत्तर (डीएफओ) अजय चित्तौड़ा, पशुपालन विभाग के जोइंड डायरेक्टर के निर्देश पर डिप्टी डायरेक्टर पहुँचे मेनार, जानी स्थिति

वल्लभनगर।प्रदेश सहित उदयपुर जिले में गर्मी अपना प्रचंड रूप दिखा रही है और शनिवार से नोतपा शुरू हो गया है। शनिवार को भी जिले सहित उपखंड क्षेत्र में 44 डिग्री तापमान दर्ज किया गया, जिसमें गर्म हवा के थपेड़ों के बीच तेज धूप और लू चलने से आम जनजीवन बेहाल हो गया है और जीव जन्तुओं की जान पर बन आई है। शनिवार को भी मेनार में ब्रह्म सागर तालाब की पाल पर स्थित आम के पेड़ों पर बसेरा डाले चमगादड़ों की मौते होने का सिलसिला जारी रहा है। शनिवार को करीब 200 चमगादड़ों की मौत हो गयी है और शाम 6 बजे तक भी चमगादड़ मरकर पैड से नीचे गिर रहे थे। शनिवार को वन विभाग से उपवन संरक्षक उदयपुर उत्तर (डीएफओ) अजय चित्तौड़ा, क्षेत्रीय वन अधिकारी ब्लॉक भींडर कैलाश मेनारिया मय टीम मेनार पहुँचे और स्थिति को जाना और पशुपालन विभाग को सूचना दी, जिस पर पशुपालन विभाग से जोइंड डायरेक्टर के दिशा निर्देश पर डिप्टी डायरेक्टर लज्जाराम, डॉ. विजय माने, ड़ॉ. नवीन शर्मा, डॉ. विकास मीणा एंड टीम सहित पॉलिशन बोर्ड, से कौशल, मोहित मेनारिया पहुँचे और मृत चमगादड़ों एवं ब्रह्म सागर के पानी के सेंपल लिए गए। साथ ही वन विभाग ने ग्रामीण भीमलाल मेरावत, प्रेमशंकर रामावत, कैलाश रामावत, घनश्याम मेनारिया, पिंटू सहित अन्य से जानकारी प्राप्त की। उपवन संरक्षक उदयपुर उत्तर अजय चित्तौड़ा के निर्देश पर उदयपुर नगर निगम से फॉगिंग मशीन मंगवाई गयी तथा फॉगिंग मशीन के माध्यम से आम के पेड़ो, पाल पर पानी छिड़काव किया गया, ताकि पानी की सूक्ष्म बूंदें लंबी अवधि के लिए सतहों पर बनी रहे, संक्रमण ना फैले, नमी भी रहे और तापमान पर नियंत्रण हो सके। इसके साथ ही क्षेत्रीय वन अधिकारी कैलाश मेनारिया द्वारा ट्रेक्टर के माध्यम से पानी का देशी जुगाड़ से लगातार छिड़काव करवाया जा रहा है। वही पॉलिशन बोर्ड, से आये कौशल, मोहित मेनारिया द्वारा ब्रह्म सागर के पानी का सेंपल लिया, जिसकी जांच उदयपुर में की जायेगी और चमगादड़ों की मौत होने का कारण पता लगाया जाएगा।

शवो का किया डिस्फोस

क्षेत्रीय वन अधिकारी ब्लॉक भींडर कैलाश मेनारिया की उपस्थिति एवं पशुपालन विभाग के चिकित्सकों के सुपरविजन में शुक्रवार रात व शनिवार को मौत हुए चमगादड़ों के शवों को ब्रह्म सागर एवं गांव से दूर ले जाकर खड्डे खोदकर नियमानुसार उनमें नमक के साथ शवो को डिस्फोस किया गया, ताकि संक्रमण ना फैले और दुर्गंध की स्थिति ना बने।

डीएफओ और डॉक्टर ने पाल का निरीक्षण कर ग्रामीणों को दिए दिशा निर्देश

उपवन संरक्षक उदयपुर उत्तर अजय चित्तौड़ा एवं पशुपालन विभाग से डॉक्टर टीम ने पाल का निरीक्षण किया गया, और चमगादड़ों के इतनी संख्या में मौते पर संक्रमण ना फैले जिसके लिए ग्रामीणों को अति आवश्यक कार्य होने पर ही तालाब की पाल पर जाने, तालाब की पाल के आसपास किसी भी तरह का पड़ा फल ना छुने, खाने और तालाब की पाल पर घूमते समय किसी भी वस्तु सामान को नहीं छुने का आवश्यक दिशा निर्देश दिए। डीएफओ चित्तौड़ा ने कहा कि इससे इंफेक्शन फेल सकता है, जिससे पाल पर जाना गंभीर हो सकता है।

सूचना पर पशुपालन विभाग के डॉक्टर ने आने में की आनाकानी

वन विभाग से क्षेत्रीय वन अधिकारी ब्लॉक भींडर कैलाश मेनारिया टीम के साथ मेनार पहुँच, पशुपालन विभाग को सूचना दी, लेकिन पशुपालन विभाग के चिकित्सक ने आने में आनाकानी की, जिस पर उपवन संरक्षक अजय चित्तौड़ा ने जिला प्रशासन से समन्वय कर पशुपालन विभाग की टीम को मौके पर भिजवाया, एवं मृत चमगादड़ों का सेंपल कलेक्ट कर लेब्रोटरी टेस्ट हेतु भोपाल (एमपी) भिजवाया गया। साथ ही इसकी सूचना कलेक्टर उदयपुर अरविंद पोसवाल को भी दी गयी।

इनका कहना है कि :-
…..मौके पर पहुँच स्थिती की जानकारी ली, पशुपालन विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुला कर मृत चमगादड़ों के सेंपल एवं पॉल्युशन बोर्ड द्वारा ब्रह्म सागर के पानी का सेंपल जांच हेतु भिजवाया गया है, वन विभाग एवं पशु पालन विभाग के निर्देशन में टीम द्वारा स्थिति पर नजर रखी जा रही हैं। साथ ही प्रभावित क्षेत्र में तापमान नियन्त्रण हेतु फॉगिंग करवायी जा रही है।
……उपवन संरक्षक उदयपुर, उत्तर , अजय चित्तौड़ा

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