हीता में बन रहे चामुंडा माता मंदिर के भव्य स्वागत द्वार का कार्य अंतिम चरणों मे

भींडर। निकटवर्ती हीता गांव स्थित आस्था के केंद्र प्रसिद्ध शक्तिपीठ चामुंडा माता मंदिर के स्वागत द्वार कार्य अंतिम चरणों में चल रहा है। 45 लाख की लागत से बनाए जाने वाले स्वागत द्वार का निर्माण कार्य जल्द ही पूरा हो जाएगा। भव्य स्वागत द्वार का निर्माण कार्य पिछले 12 माह से चल रहा है जिसमें 45 लाख रुपए दो चरणों में खर्च किए जाएंगे।प्रथम चरण में सिंह द्वार का कार्य पूरा हो चुका है जिसमें 26 लाख रु की लागत आयी। द्वितीय चरण में 19 लाख रु खर्च कर आगे का कार्य पूर्ण होगा। मंदिर प्रवेश द्वार कुल 25 फीट ऊंचा व 45 फीट लंबा होगा एवं मुख्य प्रवेश द्वार 19 फीट चौड़ा होगा। वही साथ में दो छोटे-छोटे द्वार 8 फीट लंबे होगे। द्वार में 16 हजार घन फीट पत्थर काम में लिया जा चुका है अब 25 हजार घन फिट पत्थर और काम में लिया जाएगा।

श्रद्धालुओं के सहयोग से बन रहा है स्वागत द्वार:- मंदिर विकास समिति के सदस्य अवंति लाल चौधरी ने बताया कि यह पत्थर अगरिया की प्रसिद्ध सफेद मार्बल की खानो से निकल कर पिंडवाड़ा में कटिंग होकर आ रहा है। प्रवेश द्वार का कार्य कार्यवाहक अध्यक्ष अभय सिंह शक्तावत सेवानिवृत्त सहायक अभियंता देवेंद्र सिंह व आर्किटेक्ट देवाराम की देखरेख में चल रहा है। मंदिर के द्वार में हीता गाँव सहित अहमदाबाद, उदयपुर, भींडर, कानोड, हुंदर बड़ी काकरोली के श्रद्धालु निर्माण में सहयोग कर रहे हैं।

मंदिर में है अत्याधुनिक सुविधाएं, 70 लाख की लागत से हुआ था मंदिर का जीर्णोद्धार:- श्रद्धालुओं के सहयोग से 70 लाख की लागत से बंशीधराचार्य जी महाराज के सानिध्य में बंशीपुर पहाड़पुर के पत्थरों से करीब 10 वर्ष पूर्व मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया था। मंदिर को हरा भरा बनाने के लिए परिसर में 225 पौधे भी लगाए गये है। इसके अलावा मंदिर में सुविधाओं के तोर पर ठहरने की व्यवस्था,पानी की टंकी,रसोईघर,सुविधा घर, बर्तन, नहाने की टंकियां, ट्यूबवेल, गार्डन,भोजनशाला आदि की व्यवस्था की गई है।

नवरात्रि के दिनों में मंदिर में होते है विशेष आयोजन: नवरात्रि के दौरान कई विशेष आयोजन के साथ ही दशमी के दिन विशाल दो दिवसीय मेला भरता है। दशमी को ही गांव के सभी देवरों से जवारे व निशान लेकर हजारों श्रद्धालु जुलूस के रूप में चामुंडा माता मंदिर पहुंचते है और मंदिर से जवारे लेकर तालाब में विसर्जन किए जाते हैं।इसके अलावा हर रविवार को सैकड़ो श्रद्धालु माता के दर्शन करने आते हैं वह अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए माता से फूलपाती मांगते है।

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