उदयपुर में तीन दिवसीय राजस्थान राज्य स्तरीय दृष्टिबाधित शतरंज प्रतियोगिता का शुभारंभ

उदयपुर। पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि राष्ट्र के किसी भी कोने में कोई भी गरीब, असहाय भूखा रह जाता है और सारे देश को उसकी पीड़ा अनुभव हो तभी देश व राष्ट्र देवता की सोच आती है। अच्छे के लिए मांगते हैं तो उसमें शर्म करने की भी जरूरत नहीं। यदि उसका व्यवसायीकरण करना चाहते हैं तो दुख होना चाहिए। समिधा दृष्टि -दिव्यांग मिशन, उदयपुर की ओर से स्थानीय किसान भवन में आयोजित तीन दिवसीय राजस्थान राज्य स्तरीय दृष्टिबाधित शतरंज प्रतियोगिता के शुभारंभ समारोह में कही। बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल कटारिया ने मिशन के प्रवर्तक डॉ चंद्र गुप्त सिंह चौहान की ओर से दृष्टि बाधित बच्चों के लिए किए जा रहे सेवा कार्यों की सराहना करते हुए उससे प्रेरणा लेने की बात कही। इससे पूर्व चौहान ने अपने संबोधन में दृष्टिबाधित बालकों की पीड़ा उजागर करते हुए कहा कि प्रदेश में सबसे अधिक दृष्टिबाधित उदयपुर संभाग में है। इसके बावजूद यहां इस वर्ग के बालक बालिकाओं के लिए कोई हॉस्टल तक नहीं। दृष्टिबाधित बालकों के कॉलेज शिक्षा के लिए उन्होंने संस्था के माध्यम से नगर निगम के समुदाय भवन में छात्रावास संचालित कर रखा है, लेकिन इस वर्ग की बालिकाएं कॉलेज के आस पास किराए पर कमरा लेकर रहने को मजबूर हैं। चौहान ने इन बालिकाओं के लिए छात्रावास की महती आवश्यकता बताई। कार्यक्रम में उपस्थित जनप्रतिनिधियों व भामाशाहों को इंगित करते हुए राज्यपाल कटारिया ने कहा कि ईश्वर ने भाग्य से हमें सेवा का अवसर दिया है तो मौका नहीं चुकना चाहिए। यह कार्य एहसान के भाव से नहीं कर्तव्य समझ कर करना चहिए। कटारिया ने सुझाव दिया कि स्थानीय यूनिवर्सिटी कैंपस में यह छात्रावास बनना चाहिए। यूनिवर्सिटी केवल छात्रावास के लिए जमीन दे दे। भवन निर्माण के लिए चाहे करोड़ों की लागत आए। उसकी व्यवस्था हो जाएगी। प्रदेश के जनजाति विभाग के मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने अपने संबोधन में कहा कि वे समाज कल्याण विभाग के मंत्री व अपने विभाग के जरिए छात्रावास निर्माण के प्रयास करेंगे। निंबाहेड़ा विधायक श्रीचंद कृपलानी ने अपने संबोधन में कहा कि राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया की मंशा के अनुरूप छात्रावास भवन के लिए धन की कमी आड़े नहीं आएगी। आयोजन सचिव नानालाल बया ने तीन दिवसीय इस प्रतियोगिता के उद्देश्य व दृष्टिबाधित बालकों के लिए मिशन की ओर से किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी।

समारोह में उपस्थित उदयपुर सांसद डॉ मन्नालाल रावत ने दृष्टि बाधित बालिकाओं की पीड़ा समझते हुए सांसद मद से दी जाने वाली अधिकतम 30 लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान करने की घोषणा की। राज्यपाल कटारिया की प्रेरणा से उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन ने भी अपने विधायक कोष से बीस लाख रुपए की सहायता राशि दिए जाने की स्वीकारोक्ति दी।

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