गूंजे बधाई गान, जन्म कल्याणक पर निकली शोभायात्रावैराग्य दृश्य को देख छलके आंसू

वल्लभनगर। अतिशय क्षेत्र अडिंदा पार्श्वनाथ में दिगंबर जैन मुनि आदित्य सागर, मुनि अप्रमित सागर ,मुनि सहज सागर महाराज के ससंघ सानिध्य में सोधर्म इंद्र पवन कुमार अलका कोठारी, धनपति कुबेर अपूर्व नेहा,भावित श्रेया कोठारी परिवार भीलवाड़ा की ओर से आयोजित पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में रविवार को जन्म और तप कल्याणक मनाया गया । प्रतिष्ठाचार्य ब्रह्मचारी अक्षय भैया, पीयूष भैया ,अरविंद जैन के निर्देशन में जाप्य अनुष्ठान, श्रीजी का अभिषेक, शांतिधारा , नित्यपूजन , गर्भकल्याणक विधान पश्चात भगवान का जन्म कल्याणक का मंचन , सोधार्म इंद्राणी द्वारा तीर्थंकर बालक को प्रसूति गृह से लाना सोधर्म इंद्र द्वारा 1008 नेत्रों से दर्शन , आदि दृश्य का मंचन हुआ। तीर्थंकर बालक के जन्मोत्सव का बधाई गान गूंजायमान हुआ। इस अवसर पर मुनि आदित्य सागर महाराज ने कहा कि जिनका जन्म अनेकों के कल्याण के लिए होता है उन्ही का जन्म कल्याणक मनाया जाता है। जन्म तो सभी जीवों का होता है लेकिन जिसने जन्म के प्रयोजन को सिद्ध कर लिया उसका जन्म सार्थक होता है। धर्मसभा पश्चात पंडाल से शोभायात्रा निकली शोभायात्रा पांडुकशिला पहुंची जहां तीर्थंकर बालक का 1008 कलशो से जन्माभिषेक किया गया। दोपहर में तीर्थंकर बालक का पालना झुलाना, बाल क्रीड़ा और नीलंजना का नृत्य , लोकांतिक देवो का आगमन वैराग्य की अनुमोदना आदिकुमार के गृहत्याग के वैराग्य दृश्य को देखकर तीर्थंकर माता पिता निर्मल गुणमाला छाबड़ा सहित कई श्रावक श्राविकाओं के आंखो से आंसू छलक गए। सायकालीन धर्म सभा के दौरान मुनिश्री ने तप कल्याणक में दीक्षा संस्कार किए। इस अवसर पर प्रतिष्ठा आयोजक कोठारी परिवार भीलवाड़ा को मुनि आदित्य सागरजी महाराज को नवीन पिच्छिका भेंट करने एवं पुरानी पिच्छिका प्राप्त करने का सौभाग्य मिला। संगीतकार नवीन जैन ने मधुर भक्ति गीतों की प्रस्तुति दी।
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