कानजी स्वामी का 135वी जन्म जयंती पर धार्मिक अनुष्ठान के साथ मनाया उपकार दिवस।

भींडर। रावलीपोल स्थित श्री 1008 पारसनाथ दिगंबर मंदिर में जैन मुमुक्ष मंडल एवं अखिल भारतीय जैन युवा फैडरेशन के तत्वाधान में पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर के स्वाध्याय भवन में आध्यात्मिक सत्पुरुष गुरुदेव श्री कानजी स्वामी का 135वीं जन्म जयंती के उपलक्ष में उपकार दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया गया। तेरापंथ समाज के मंत्री सूरजमल फ़ांदोत ने बताया कि प्रातः नित्य नियम पूजन के बाद रात्रि में गुरुदेव कानजी स्वामी के जीवन परिचय एवं धर्मचर्चा ,सीडी प्रवचन आदि का आयोजन किया गया। सभा में बताया गया की गुरुदेव श्री कानजी स्वामी का जन्म गुजरात के सौराष्ट्र प्रांत के भावनगर जिले के उमराला गांव में हुआ था जहां पर उन्होंने श्वेतांबर स्थानकवासी संप्रदाय में दीक्षा ली फिर धीरे-धीरे समझ में आया कि सत्य मार्ग तो दिगंबर पथ है और कुछ वर्षों बाद श्वेतांबर साधु पद छोड़कर दिगंबर धर्म अंगीकार किया। गुजरात के कहीं जगह पर निवास करते हुए अपने दिगंबरत का स्वाध्याय किया एवं कराया जिन शास्त्रों को केवल शोभा की वस्तु माना जाता था इसका अध्ययन कर रुचि लोगों में जागृत कर देशभर में एक आध्यात्मिक क्रांति के सूत्रधार बने जिससे आज देश भर के हजारों लोग उनके बताए हुए तत्व ज्ञान को सुनकर दिगंबर धर्म अपनाया और स्वाध्याय में अपना उपयोग लगाया ।आजीवन ब्रह्मचर्य रहते हुए मद्दू भाषी एवं उज्जवल व्यक्तित्व से उन्होंने जनमानस पर एक अमिट छाप छोड़ी। ऐसे सद्गुरु श्री कानजी स्वामी के जन्म जयंती का 135 वा की जन्म जयंती को उपकार दिवस के रूप में भिंडर, सोनगढ़ ,चैतन्य धाम अहमदाबाद,इंदौर ढाईदीप, उदयपुर शास्वत धाम जयपुर आदि स्थानों पर मनाया गया। यह जानकारी अखिल भारतीय जैन युवा फैडरेशन के सुनील कुमार वक्तावत ने दी
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