वल्लभनगर। उपखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत मेनार द्वारा धण्ड तालाब के सामने हिरोला की छापर मैदान में आयोजित आठ दिवसीय 27वें विशाल श्री अंबामाता आमजन एवं पशु मेले का बुधवार रात्रि 10 बजे समापन हुआ। मुख्य अतिथि सीआई भीण्डर पुनाराम गुर्जर द्वारा ध्वज उतार सरपंच, उपसरपंच को सौंपा, तत्पश्चात प्रशासक प्रमोद कुमार ने मेला समापन की घोषणा की। ग्राम पंचायत द्वारा मेले के उद्घाटन समारोह में माँ अम्बेमाताजी की स्थापना की, समापन समारोह में माताजी का विधिवत पूजन कर ढोल थाली मादल के साथ पुनः माता की तस्वीर माँ जगदम्बा दरबार में ले गए।
समापन समारोह के मुख्य अतिथि सीआई भीण्डर पुनाराम गुर्जर थे, कार्यक्रम की अध्यक्षता मेला अधिकारी प्रशासक प्रमोद कुमार ने की, विशिष्ट अतिथि के क्रम में भाजपा मंडल अध्यक्ष विजयलाल मेरावत, प. स. सदस्य प्रतिनिधि पुरुषोत्तम रूपावत, पूर्व सरपंच ओंकारलाल भलावत, विजयलाल एकलिंगदासोत, बॉलीवुड अभिनेता देव मेनारिया, पूर्व कोषाध्यक्ष ब्राह्मण समाज बद्रीलाल मेनारिया, वल्लभनगर बार अध्यक्ष अधिवक्ता रमेश चंद्र सांगावत, सीताराम गुर्जर, जीवन मेनारिया, आलाखेड़ी, उपसरपंच मांगीलाल सिंगावत, शंकरलाल मेरावत, प्रकाश जैन, बड़गांव, प्रकाश मेनारिया, ओमप्रकाश रामावत, व्यापारी मदन बंजारा थे। सभी अतिथियों का सचिव प्रभूलाल यादव, प्रशासक प्रमोद कुमार, उपसरपंच मांगीलाल सिंगावत, वार्ड पंच प्रेम पांचावत, विक्रम सुथार, हुक्मीचंद सुथार, जीवन दावोत, अंबालाल रूपावत सहित अन्य का मोटड़ा, उपरणा पहनाकर स्वागत किया गया। मेले में आये व्यापारी खाने-पीने, पशुओं, वाहन पार्किंग, पोस्टर, बैनर, लाइट, डेकोरेशन, साउंड सिस्टम, पानी की व्यवस्था देने वाले का भी स्वागत किया गया तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

पूर्व सरपंच ओंकारलाल भलावत ने कहा कि समय समय पर इस तरह के मेले लगने चाहिए, जो गांवो के लोगो को जोड़ कर रखती है। मुख्य अतिथि सीआई भीण्डर पुनाराम गुर्जर ने कहा कि शहरों में मेले लगते है तो प्रशासन, पुलिस प्रशासन को भारी मुस्तेदी से कार्य करना पड़ता है, लेकिन मेनार मेले में ग्राम पंचायत एव यहाँ के लोग मेले में स्वयं मे व्यवस्था देखते है, यह तारीफे काबिल है, इसलिए पिछले 27 सालो से किसी प्रकार की कोई घटना, दुर्घटना नहीं हुई है। आज मेनार विश्व के नक़्शे पर विद्यमान है, जहां की ऐतिहासिक जमराबीज युवाओं में जोश भर देती है, वही मेनार में 4 से 4500 किमी. उड़कर विदेशी पक्षी मेनार के ब्रह्म सागर व धंड तालाब पहुंचते है, जिससे आज तालाब रामसर साइट घोषित हो चुके है।
गुर्जर ने कहा कि पशु मेले से पशुपालकों और खरीदारों दोनों को ही अनेक तरह से लाभ मिलता है। एक ओर जहाँ पशुपालक अपने पशुओं का उचित मूल्य प्राप्त कर आर्थिक रूप से सशक्त होते हैं, वहीं दूसरी ओर खरीदारों को अपनी जरूरत और पसंद के अनुसार अच्छे नस्ल के पशु एक ही स्थान पर मिल जाते हैं। ऐसे मेले ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और परंपराओं से भी जुड़ाव कराते हैं। यह मेले केवल व्यापार का माध्यम नहीं, बल्कि सामाजिक मेलजोल, आपसी भाईचारे और लोक संस्कृति के संरक्षण का भी प्रतीक हैं। समापन समारोह का संचालन अम्बालाल रूपावत ने किया। मेले में खेरोदा थाने से एएसआई लक्ष्मण सिंह, बाबुलाल, नितेश, प्रदीप, राजवीर, कमलेश मय जाप्ता तथा पशु चिकित्सा मेनार नागेंद्र सिंह, कैलाश मेनारिया, सीएचसी मेनार से एएनएम सोमी डामोर, नर्सिंग ऑफिसर सुनीता मीणा, दीपक मेनारिया मय टीम 24 घंटे सेवाए दी, जिनका भी ग्राम पंचायत द्वारा सम्मान किया गया। कार्यक्रम में ग्राम विकास अधिकारी मेनार प्रभूलाल यादव, सरपंच प्रमोद कुमार, उपसरपंच मांगीलाल सिंगावत, वार्ड पंच दयाल लुणावत, प्रेम पांचावत, शंकरलाल मेरावत, विक्रम सुथार, हुक्मीचंद सुथार, प्रतिनिधि अम्बालाल रूपावत, जीवन दावोत, नारायणलाल दियावत सहित ग्रामीण मौजूद रहे।
मेले में उमड़ा जनसैलाब, मनोरंजन का उठा लुत्फ
समापन दिवस पर मेले में भारी भीड़ रही। चकरी, डोलर, जादूगर शो और वैरायटी शो के स्टॉलों पर मेलार्थियों की भीड़ उमड़ी रही। युवाओं ने अपने हाथों पर नाम खुदवाए तो महिलाएं घरेलू सामान की खरीदारी में व्यस्त दिखीं।
खाने-पीने के स्टॉलों पर भी मेलार्थियों की भीड़ लगी रही, जहाँ पाव-भाजी, चाट मसाला और जूस का लोगों ने खूब आनंद लिया। गोवर्धन पूजा के अवसर पर किसानों ने अपने पशुओं के लिए श्रृंगार सामग्री, टोकर और मालाएं खरीदीं। सचिव प्रभूलाल यादव और प्रशासक प्रमोद कुमार ढोली ने बताया कि मेले की लोकप्रियता और भीड़ को देखते हुए इसकी अवधि दो दिन बढ़ाई गई थी, जिससे मेला 22 अक्टूबर को संपन्न हुआ। ग्राम पंचायत ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से सीसीटीवी कैमरे लगाए और 24 घंटे सतर्क रहकर व्यवस्था संभाली।
